DeepFake क्या है? | और इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं? | और इसका इस्तेमाल कहां किया जाता है? - GyAAnigk



Deep Fake एक प्रकार का वीडियो या छवि है जिसमें किसी व्यक्ति का चेहरा किसी दूसरे व्यक्ति के चेहरे से बदल दिया जाता है। यह आमतौर पर Artificial Intelligence (AI) and Machine Learning का उपयोग करके किया जाता है।

Deepfake नया तो नहीं है, लेकिन धीरे धीरे अपनी रफ़्तार पकड़ रहा है और सोशल मीडिया पर Deepfake कॉन्टेंट तेज़ी से बढ़ रहे हैं। 
DeepFake क्या है? | और इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं? | और इसका इस्तेमाल कहां किया जाता है? - GyAAnigk


सोशल मीडिया और इंटरनेट कंपनियों को अभी से ही इस पर शिकंजा कसने के तरीक़ों के बारे में सोचना होगा वर्ना एक बार ये अपने पीक पर चला गया तो फिर इस पर शिकंजा कसना बेहद मुश्किल हो सकता है।


Deepfake को किसने और कब बनाया था?


Deepfake को 2014 में दो शोधकर्ताओं, चेंगलू झोउ और ज़ीफ़ैंग ज़ियाओ ने बनाया था। वे ज़ियामिन विश्वविद्यालय, चीन में कंप्यूटर विज्ञान के छात्र थे। 

उन्होंने एक एआई मॉडल विकसित किया जो चेहरे के दो अलग-अलग छवियों को एक साथ जोड़ सकता था। इस मॉडल का उपयोग करके, उन्होंने एक वीडियो बनाया जिसमें एक व्यक्ति के चेहरे को दूसरे व्यक्ति के चेहरे से बदल दिया गया था।


(सावधान :- Deepfake के इतिहास के बारे में हमें इतनी जानकारी नहीं है।)


Deepfake बनाने के लिए किया जाता है इस तकनीक का इस्तेमाल!


Deepfake बनाने के लिए Autoencoder नाम का न्यूरल नेटवर्क स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया जाता है। Autoencoder के दो हिस्से होते हैं - Encoder and Decoder।


Deep Fake का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे:

  • मनोरंजन: Deep Fake का उपयोग फिल्मों, टीवी शो और वीडियो गेम में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • विज्ञापन: Deep Fake का उपयोग उत्पादों या सेवाओं के विज्ञापन के लिए किया जा सकता है।
  • राजनीतिक प्रचार: Deep Fake का उपयोग राजनीतिक उम्मीदवारों या मुद्दों के प्रचार के लिए किया जा सकता है।
  • फ़िल्मों में इस्तेमाल : Deepfake काफ़ी समय से फ़िल्मों में इस्तेमाल किया जाता रहा है। उदाहरण के तौर पर fast and furious अभिनेता पॉल वॉकर की मौत के बाद उनकी फ़िल्म में पॉल वॉकर के भाई को रखा गया था। लेकिन Deepfake के ज़रिए उनका चेहरा और आवाज़ बिल्कुल पॉल वॉकर की तरह कर दी गई थी।
  • मोबाइल कैमरे में इस्तेमाल: इन दिनों स्नैपचैट, इंस्टा, फ़ेसबुक से लेकर हर स्मार्टफोन्स में जो आप सेल्फ़ी कैमरे में AI Best Beautification Feature देखते हैं, दरअसल ये भी Deepfake का ही एक उदाहरण है।

Deep Fake के कुछ संभावित खतरे में शामिल हैं:

  • धोखाधड़ी: Deep Fake का उपयोग किसी व्यक्ति को कुछ ऐसा करने के लिए धोखा देने के लिए किया जा सकता है जो वे वास्तव में नहीं चाहते हैं।
  • बदनाम करना: Deep Fake का उपयोग किसी व्यक्ति को बदनाम करने के लिए किया जा सकता है।
  • मतदान में हस्तक्षेप: Deep Fake का उपयोग किसी चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए किया जा सकता है।
  • विचार बदलना : किसी लीडर या सेलिब्रिटी के स्पीच को उठा कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड टूल के ज़रिए पूरी स्पीच बदली जा सकती है। आपको लगेगा कि स्पीच असली है, लेकिन आप भ्रम में पड़ जाएंगे।


DeepFake का पहचान कैसे किया जाए?


Deep Fake को पहचानने के लिए कुछ तरीके हैं। एक तरीका यह है कि वीडियो या छवि में किसी भी विसंगतियों की तलाश करना। उदाहरण के लिए, चेहरे के भाव या आंखों की गति असंगत हो सकती है।


DeepFake से कैसे खुद को सुरक्षित रखा जाए?


Deep Fake को रोकने के लिए कुछ तरीके हैं। एक तरीका यह है कि वीडियो या छवि को सत्यापित करने के लिए एक सत्यापन सेवा का उपयोग करना।

Deep Fake एक शक्तिशाली तकनीक है जिसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। हालाँकि, इसके संभावित खतरों से अवगत होना महत्वपूर्ण है।



यह पोस्ट पढ़ने के बाद, मुझे उम्मीद है कि आप Deepfake के बारे में अच्छी तरह से अवगत हो गए होंगे। यदि किंतु परंतु आपके कोई प्रश्न या सुझाव हैं, तो कृपया कमेंट बॉक्स में साझा करने में संकोच न करें।।।

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